CG Dharmantaran News: छत्तीसगढ़ में एक ही दिन में तीन जगहों पर धर्मांतरण! हिंदू संगठनों ने किया विरोध
छत्तीसगढ़ एक बार फिर धर्मांतरण के मुद्दे पर सुलग उठा है. राज्य के तीन अलग-अलग जिलों बिलासपुर, दुर्ग और अंबिकापुर से एक ही दिन में धर्मांतरण से जुड़े गंभीर आरोप सामने आए हैं. कहीं गरीब और असहाय लोगों को आर्थिक मदद का लालच दिया जा रहा है, तो कहीं धार्मिक सभाओं की आड़ में समुदाय विशेष को निशाना बनाए जाने की बात कही जा रही है.
धार्मिक सभा पर विरोध, पास्टर पर गंभीर आरोप
पहला मामला बिलासपुर जिले के सीपत थाना क्षेत्र में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान उस समय बवाल हो गया जब स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि वहां मौजूद पास्टर लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसा रहे थे. बताया जा रहा है कि कई गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता, नौकरी और मुफ्त सुविधाओं का वादा कर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव डाला जा रहा था. मामले की भनक लगते ही कुछ हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और विरोध जताया. माहौल बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पुलिस भी मौके पर पहुंची और कार्यक्रम को रुकवाकर जांच शुरू कर दी है.
प्रार्थना सभा में हंगामा, बजरंग दल ने रोका आयोजन
दूसरा मामला दुर्ग शहर के पद्मनाभपुर क्षेत्र से है, जहां एक घर में चल रही प्रार्थना सभा के दौरान धर्मांतरण का संदेह जताया गया. बजरंग दल के सदस्यों ने कार्यक्रम को जबरन रुकवाया और आयोजकों से तीखी बहस की. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई. आरोप है कि इस दौरान कुछ महिलाओं के साथ बदसलूकी भी हुई. मौके पर पहुंची पुलिस ने बीच-बचाव कर स्थिति को काबू में किया और सभी पक्षों से पूछताछ की जा रही है.
40 रुपये देकर बच्चों को धर्म बदलने का प्रयास?
तीसरी घटना सरगुजा संभाग के अंबिकापुर से सामने आई है, जहां कुछ लोगों ने कथित रूप से 40 रुपये देकर नाबालिग बच्चों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रलोभन देने की कोशिश की. स्थानीय लोगों की सतर्कता से यह मामला तुरंत पकड़ में आ गया. बच्चों से पूछताछ के बाद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और शिक्षा विभाग के साथ संयुक्त जांच शुरू कर दी है.
प्रशासन के सामने चुनौती, कार्रवाई की मांग तेज
इन तीनों मामलों के बाद एक बार फिर धर्मांतरण की गतिविधियों को लेकर राज्य में बहस छिड़ गई है. हिंदू संगठनों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है, जबकि पुलिस प्रशासन सभी मामलों की स्वतंत्र जांच का भरोसा दे रहा है. स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन से भी कहा गया है कि वे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त निगरानी रखें.

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