CG Kanker News: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आमाबेड़ा और बड़ेतेवड़ा क्षेत्र में शव दफनाने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब गंभीर सांप्रदायिक हिंसा में बदल गया है। मामला बड़ेतेवड़ा ग्राम पंचायत का है, जहां सरपंच रजमन सलाम के पिता चमरा राम सलाम का 14 दिसंबर को इलाज के दौरान निधन हो गया था। अगले दिन परिजनों ने उनका शव अपने खेत में दफना दिया। इसी को लेकर गांव में आपत्ति खड़ी हो गई।
ग्रामीणों के एक वर्ग का आरोप था कि मृतक धर्मांतरित था और उसका शव गांव की सीमा में दफन नहीं किया जाना चाहिए था। वहीं परिजनों और सरपंच का कहना था कि अंतिम संस्कार में किसी भी ईसाई रीति-रिवाज का पालन नहीं किया गया और यह पूरी तरह पारिवारिक निर्णय था।
कब्र पक्की करने पर भड़का आक्रोश
16 दिसंबर को विवाद उस समय और गहरा गया जब दफन की गई कब्र को पक्का किया जाने लगा। यह देख ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके पर जुट गए। पहले बहस हुई, फिर माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन गुस्साई भीड़ ने कब्र में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़पें शुरू हो गईं.
17 दिसंबर को खुलकर हुई हिंसा
17 दिसंबर को हालात और ज्यादा बिगड़ गए। आसपास के इलाकों से बाहरी लोग भी मौके पर पहुंचने लगे, जिससे स्थिति बेहद संवेदनशील हो गई। दोपहर बाद कहासुनी लाठी-डंडों और पथराव में बदल गई। इस हिंसा में करीब 25 लोग घायल हो गए, जिनमें पुलिसकर्मी और ग्रामीण शामिल हैं। सभी घायलों को आमाबेड़ा अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से 9 लोगों को कांकेर जिला अस्पताल रेफर किया गया। दो की हालत गंभीर बताई गई।
प्रशासन ने कब्र खुदवाकर शव हटाया
स्थिति बिगड़ती देख 18 दिसंबर को प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया। बड़ेतेवड़ा में बनी कब्र को खुदवाकर शव को बाहर निकाला गया और अपने कब्जे में ले लिया गया। इसके बाद एंबुलेंस के जरिए शव को गांव से बाहर भेज दिया गया। प्रशासन को उम्मीद थी कि इससे तनाव कम होगा, लेकिन इसका उल्टा असर देखने को मिला।
प्रार्थना भवन और चर्च को बनाया निशाना
शव हटाए जाने के कुछ ही देर बाद भीड़ उग्र हो गई। सबसे पहले सरपंच के घर में बने प्रार्थना भवन पर हमला किया गया और उसमें आग लगा दी गई। जब पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की तो उस पर पथराव शुरू हो गया। इस दौरान अंतागढ़ के एडिशनल एसपी आशीष बंछोर समेत दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।
इसके बाद हालात और बेकाबू हो गए। उग्र भीड़ बड़ेतेवड़ा से करीब तीन किलोमीटर दूर आमाबेड़ा पहुंची, जहां एक चर्च और एक अन्य प्रार्थना भवन में तोड़फोड़ कर आगजनी की गई। चर्च जलाए जाने की घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी और स्थिति पूरी तरह विस्फोटक हो गई।
इलाके में कड़ा पहरा, फ्लैग मार्च
हिंसा की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। पूरे क्षेत्र में नाकेबंदी कर दी गई और बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। हालांकि इसके बावजूद कुछ लोग जंगल के रास्तों से गांवों तक पहुंचते रहे। हालात काबू में रखने के लिए पुलिस ने गांवों में फ्लैग मार्च निकाला। हथियारबंद जवान गलियों में तैनात हैं और लगातार गश्त की जा रही है।
डर के साये में ग्रामीण
हिंसा के बाद से इलाके में तनाव बना हुआ है। पुलिस कार्रवाई के डर से कुछ लोग अपने घर छोड़कर अन्य स्थानों पर चले गए हैं। गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है और लोग किसी भी अफवाह से डर रहे हैं। प्रशासन सोशल मीडिया और बाहरी तत्वों पर भी नजर बनाए हुए है.
प्रशासन का दावा—स्थिति नियंत्रण मे
बस्तर रेंज के आईजी और कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं। कांकेर कलेक्टर नीलेश महादेव क्षीरसागर ने कहा कि फोर्स और प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह तैनात हैं और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश को सख्ती से निपटा जाएगा। प्रशासन का कहना है कि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और क्षेत्र में शांति बहाल करना प्राथमिकता है।

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