CG News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: कॉलेजों में अब नहीं होगी प्रोफेसरों की सीधी भर्ती, प्रमोशन से भरेंगे पद
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर की सीधी भर्ती को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 10 दिसंबर 2021 को चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई अधिसूचना को रद्द करते हुए स्पष्ट किया कि इन पदों को केवल पदोन्नति (प्रमोशन) के माध्यम से ही भरा जा सकता है। इससे राज्य सरकार की भर्ती नीति को बड़ा झटका लगा है।
याचिकाकर्ताओं की आपत्ति
यह फैसला उन एसोसिएट प्रोफेसरों की याचिकाओं के बाद आया है, जिन्होंने इस अधिसूचना को अदालत में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि 2013 के भर्ती नियमों में कोई संशोधन नहीं किया गया है और बिना नियमों को बदले सीधी भर्ती का निर्णय असंवैधानिक है। इससे उनके प्रमोशन के अधिकार का हनन होता है।
सरकार की दलीलें और अधिसूचना का प्रावधान
राज्य सरकार ने यह तर्क दिया कि नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के कारण प्रोफेसरों की भारी कमी हो गई है, और सीधी भर्ती राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की मान्यता के लिए आवश्यक है। अधिसूचना में संविदा शिक्षकों को उम्र सीमा में छूट और चयन प्रक्रिया में बोनस अंक देने का भी प्रावधान था।
कोर्ट की टिप्पणी और कानूनी स्थिति
कोर्ट ने सरकार की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि 2013 के मेडिकल एजुकेशन सर्विस रूल्स के अनुसार प्रोफेसर के पद केवल पदोन्नति से ही भरे जा सकते हैं। यदि सरकार को नियम बदलने थे, तो उसे विधिक संशोधन करना चाहिए था, न कि एक साधारण अधिसूचना जारी कर नियमों को दरकिनार करना।
शिक्षकों को राहत, सरकार को चुनौती
इस फैसले से प्रदेश के एसोसिएट प्रोफेसरों को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि अब प्रोफेसर बनने का रास्ता केवल प्रमोशन के माध्यम से ही खुलेगा। वहीं, सरकार को अब नए मेडिकल कॉलेजों के संचालन के लिए वैकल्पिक रणनीति बनानी होगी, जिससे न केवल रिक्त पद भर सकें, बल्कि शैक्षणिक गुणवत्ता भी बनी रहे।

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