Government Job Vacancy: 12वीं पास युवाओं के लिए सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका, जानिए आवेदन प्रक्रिया, योग्यता और चयन नियम
दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) ने वन विभाग में
फॉरेस्ट गार्ड के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह उन उम्मीदवारों
के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो सरकारी सेवा में शामिल होकर पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण में योगदान
देना चाहते हैं। भर्ती प्रक्रिया 18 अगस्त 2025 से शुरू हो चुकी
है और आवेदन की अंतिम तिथि 16 सितंबर 2025 तय की गई है।
कुल पद और आरक्षण विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 52 पद उपलब्ध हैं। वर्गवार रिक्तियों में सामान्य वर्ग के लिए 19, ओबीसी के लिए 18, एससी के लिए 6, एसटी के लिए 5 और ईडब्ल्यूएस
वर्ग के लिए 4 पद निर्धारित किए गए हैं।
शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा
इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
आयु सीमा की बात करें तो अभ्यर्थी की आयु 18 से 27 वर्ष के बीच
होनी चाहिए (16 सितंबर 2025 तक)। आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों को सरकारी नियमानुसार आयु में छूट दी
जाएगी।
फिजिकल एलिजिबिलिटी
शारीरिक मापदंडों में पुरुष उम्मीदवारों की न्यूनतम लंबाई 163 सेमी और छाती 84 सेमी (5 सेमी फुलाव के
साथ) होनी चाहिए। वहीं, महिला उम्मीदवारों की न्यूनतम ऊंचाई 150 सेमी निर्धारित
की गई है।
- दौड़: पुरुषों को
25 किमी और महिलाओं को 16 किमी की
दूरी 4 घंटे में पूरी करनी होगी।
चयन प्रक्रिया
उम्मीदवारों को एक ऑब्जेक्टिव टाइप
परीक्षा देनी होगी, जिसमें 200 अंकों के प्रश्न होंगे। इसमें सामान्य ज्ञान, रीजनिंग, गणित, हिंदी और
अंग्रेज़ी जैसे विषय शामिल होंगे। शारीरिक परीक्षण में सफल होने वाले उम्मीदवारों
को अंतिम चयन सूची में शामिल किया जाएगा।
सैलरी और ग्रेड पे
फॉरेस्ट गार्ड पद ग्रुप ‘C’ के अंतर्गत आता है और चयनित
अभ्यर्थियों को पे लेवल-3 के अनुसार ₹21,700 से ₹69,100 तक वेतन दिया जाएगा। इसके साथ सरकारी भत्ते और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।
आवेदन कैसे करें?
इच्छुक उम्मीदवार DSSSB की आधिकारिक वेबसाइट https://dsssb.delhi.gov.in
पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन शुल्क सामान्य, ओबीसी और
ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए ₹100 है, जबकि SC/ST/महिला/PH उम्मीदवारों के लिए कोई शुल्क नहीं है।
फॉरेस्ट गार्ड की भूमिका
फॉरेस्ट गार्ड का काम जंगलों की सुरक्षा, वन्यजीवों का
संरक्षण, अवैध कटाई और शिकार की निगरानी करना होता है। वे वृक्षारोपण, पर्यावरणीय
कार्यक्रमों और आपातकालीन स्थितियों में राहत कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं।

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