CG EXCLUSIVE: शासकीय कर्मचारियों को 1 अक्टूबर से लगने वाला है बड़ा झटका, जानिए क्या है पूरा मामला...

अब यह सुविधा होगी बंद, विरोध में सौपा ज्ञापन

रायपुर। राज्य शासन ने मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों को रायपुर से नवा रायपुर अटल नगर जाने के लिए दी जा रही निःशुल्क बस पास सुविधा को समाप्त करने का फैसला लिया है। वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, 1 अक्टूबर 2025 से नवनियुक्त शासकीय कर्मचारियों को यह सुविधा नहीं मिलेगी। इस निर्णय के खिलाफ मंत्रालय और विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने विरोध जताते हुए वित्त सचिव को एक ज्ञापन सौंपा है।

वित्त विभाग का नया आदेश

वित्त विभागके आदेश के अनुसार, पहले कर्मचारियों को नवा रायपुर अटल नगर में निवास करने पर निःशुल्क बस पास या वाहन भत्ते में से किसी एक का विकल्प चुनने की छूट थी। साथ ही, शासकीय आवास में या किराए के मकान में रहने वाले कर्मचारियों को भी रायपुर आने-जाने के लिए यह सुविधा मिलती थी। अब, विभाग का कहना है कि सार्वजनिक बसों और ट्रेनों का संचालन 12 वर्षों से नियमित रूप से हो रहा है और नवा रायपुर अटल नगर में रहने की आवासीय सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, इसलिए इस सुविधा को समाप्त करना उचित समझा गया है।

नवा रायपुर जाने रोज लगते है 100 रुपए

नए आदेश के बाद, मंत्रालय और विभागीय कर्मचारियों ने इसे एकतरफा निर्णय बताते हुए नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि वाहन भत्ता 100 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से असल खर्च को कवर नहीं कर पाता, जबकि पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के आस-पास है। रायपुर से नवा रायपुर आने-जाने में रोजाना करीब 80 रुपये का खर्च आता है।

कर्मचारियों ने इस निर्णय के खिलाफ एक ज्ञापन में कहा है कि वाहन भत्ते को कम से कम 2000 रुपये प्रतिमाह किया जाए, या फिर नए कर्मचारियों को निःशुल्क बस पास की सुविधा दी जाए। उनका यह भी कहना है कि इस फैसले से न केवल कर्मचारियों को परेशानी होगी, बल्कि यह कर्मचारियों के कार्य जीवन को भी प्रभावित कर सकता है।

 सार्वजानिक परिवहन सुविधा भी है

वहीं राज्य शासन ने इस फैसले को सार्वजनिक परिवहन सेवाओं की उपलब्धता और नवा रायपुर अटल नगर में स्थित आवासीय सुविधाओं के आधार पर सही ठहराया है। शासन का कहना है कि पिछले कई वर्षों से सार्वजनिक परिवहन सटीक रूप से कार्य कर रहा है और नवा रायपुर अटल नगर में शासकीय कर्मचारियों के लिए उचित आवासीय विकल्प भी मौजूद हैं।

कर्मचारियों को निर्णय में परिवर्तन का इंतजार 

फिलहाल मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालय के कर्मचारियों ने निर्णय के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है और मांग की है कि वित्त विभाग अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे। इस मुद्दे पर शासन के अंतिम फैसले का इंतजार किया जा रहा है।

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