CG News: कमिश्नर ऑफिस नए भवन में होगा शिफ्ट, फिर एसएसपी कार्यालय की बारी, ढाई साल से रुका निर्माण जल्द होगा शुरू
रायपुर कलेक्टोरेट परिसर में प्रशासनिक पुनर्गठन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. सबसे पहले संभागायुक्त कार्यालय को परिसर के भीतर बने नए तीन मंजिला भवन में स्थानांतरित किया जा रहा है. इस भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और अब शिफ्टिंग की औपचारिक शुरुआत की जा चुकी है.
एसएसपी कार्यालय की
शिफ्टिंग की तैयारी
संभाग कार्यालय के
स्थानांतरित होते ही एसएसपी कार्यालय को भी पुराने संभागायुक्त भवन में शिफ्ट किया
जाएगा. पितृ पक्ष के बाद या नवरात्रि के आसपास यह प्रक्रिया पूरी होने की संभावना
है. शिफ्टिंग को लेकर एसएसपी कार्यालय में आंतरिक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
एक-एक कर सभी शाखाएं
होंगी स्थानांतरित
एसएसपी कार्यालय में
एसएसपी, एएसपी, राजपत्रित अधिकारी, वित्त शाखा, आवक-जावक शाखा
और पुलिस से जुड़े कई अन्य विभाग होते हैं. ये सभी कार्यालय धीरे-धीरे संभागायुक्त
के पुराने भवन में स्थानांतरित किए जाएंगे. जानकारी के अनुसार एसएसपी का कक्ष उसी
कमरे में बनेगा, जिसमें पूर्व
में संभागायुक्त बैठते थे.
नई कम्पोजिट बिल्डिंग
के लिए रास्ता साफ
एसएसपी कार्यालय के
स्थानांतरित होते ही मौजूदा भवन को गिरा दिया जाएगा. इसके स्थान पर करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से पांच मंजिला कम्पोजिट बिल्डिंग
बनाई जाएगी. इस भवन के निर्माण के लिए ढाई साल पहले पीडब्ल्यूडी ने टेंडर
प्रक्रिया पूरी कर ली थी, लेकिन
कार्यालय के खाली न होने के कारण निर्माण कार्य रुका हुआ था.
आधुनिक सुविधाओं से
युक्त नया प्रशासनिक भवन
प्रस्तावित कम्पोजिट
बिल्डिंग में एक ओर कलेक्टोरेट और दूसरी ओर एसएसपी कार्यालय की इकाइयां स्थापित की
जाएंगी. यह नया भवन प्रशासनिक कार्यप्रणाली को अधिक व्यवस्थित और आधुनिक बनाएगा.
निर्माण एजेंसी कार्यालय के स्थानांतरित होते ही कार्य प्रारंभ करेगी.
कलेक्टर का कार्यालय
यथावत रहेगा
कलेक्टर का मौजूदा
कार्यालय जो अंग्रेजों के समय की इमारत है, फिलहाल उसी स्थान पर बना रहेगा. उसे तोड़ने या
स्थानांतरित करने को लेकर कोई योजना तैयार नहीं की गई है. कलेक्टर अपने पुराने
कक्ष में ही कार्य करते रहेंगे.
रिकॉर्ड रूम से शुरू
हुई शिफ्टिंग प्रक्रिया
संभाग कार्यालय की
शिफ्टिंग की शुरुआत रिकॉर्ड रूम से की गई है. इसके बाद क्रमवार रूप से सभी
अधिकारियों और कर्मचारियों के कक्षों को नए भवन में स्थानांतरित किया जाएगा. अंत
में संभागायुक्त का चैंबर और कोर्ट भी नई इमारत में स्थानांतरित किया जाएगा.
ढांचे में बदलाव से
निर्माण को मिलेगी गति
प्रशासनिक कार्यालयों
की पुनर्संरचना से न सिर्फ अव्यवस्था कम होगी बल्कि लंबे समय से रुकी हुई निर्माण
प्रक्रिया को भी गति मिलेगी. इससे कलेक्टोरेट परिसर की कार्यक्षमता में वृद्धि
होगी और लोगों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी.

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