बीजेपी ने मंत्रियों के प्रभार में किया बड़ा बदलाव, जानिए इससे क्या क्या फायदा मिलेगा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने मंत्रिमंडल में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करते हुए मंत्रियों के प्रभार जिलों में अहम बदलाव किए हैं। इस फेरबदल में जहां तीन नए मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वहीं कुछ अनुभवी मंत्रियों के प्रभार वाले जिले भी बदले गए हैं।
उपमुख्यमंत्री को मिला बहु-जनपदीय जिम्मा
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को अब राज्य के प्रमुख जिलों दुर्ग, बालोद, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और बस्तर का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। ये जिले प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों ही दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री को मिली नई जिम्मेदारी
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को बलौदा बाजार-भाटापारा जिले की कमान सौंपी गई है। यह इलाका कृषि और औद्योगिक गतिविधियों के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है।
राजवाड़े को सीमावर्ती जिला का जिम्मा
लक्ष्मी राजवाड़े को अब बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की जिम्मेदारी दी गई है, जो झारखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है और विकास की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है।
तीन नए चेहरों को भी जिलों का प्रभारी मंत्री बनाकर मैदान में उतारा
* गजेंद्र यादव को राजनांदगांव जिले की कमान दी गई है। यह जिला राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील है क्योंकि यह पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का गढ़ रहा है। रमन सिंह इसी जिले से विधायक हैं, और उनके पुत्र अभिषेक सिंह यहां से सांसद रह चुके हैं।
* गुरु खुशवंत साहेब को सक्ति जिले का प्रभार सौंपा गया है। यह जिला हाल ही में गठित हुआ है और यहां पर विकास योजनाओं को रफ्तार देने की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर होगी।
* राजेश अग्रवाल को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया है, जो कि आदिवासी बहुल इलाका है और लंबे समय से राजनीतिक रूप से सक्रिय क्षेत्र रहा है।
विश्लेषकों का मानना क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को साधा गया
विश्लेषकों का मानना है कि इस पुनर्गठन के पीछे आगामी चुनावों की रणनीति छुपी हुई है। जहां एक ओर अनुभवी नेताओं को बड़ी ज़िम्मेदारियाँ देकर स्थिरता सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है, वहीं नए चेहरों को मैदान में उतारकर संतुलन और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को साधा गया है।


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