चूहा मारने की दवा खाने के बाद अस्पताल में हुआ था भर्ती, अब पुलिस बल तैनात
दुर्ग। जिला अस्पताल में बुधवार सुबह उस वक्त हंगामा मच गया, जब एक 23 वर्षीय युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान सिद्धार्थ नगर निवासी प्रभाष सूर्या के रूप में हुई है, जिसे मंगलवार दोपहर चूहा मारने की दवा खाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
परिजनों का आरोप है कि मंगलवार रात तक प्रभाष की हालत स्थिर थी और वह बातचीत भी कर रहा था। लेकिन बुधवार सुबह अस्पताल में उल्टी कराने का इंजेक्शन दिए जाने के कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई।
इंजेक्शन के बाद बिगड़ी तबीयत, हुयी मौत
मृतक की मां पूजा सूर्या ने बताया कि रात भर बेटे से बातचीत हो रही थी। डॉक्टरों ने भी भरोसा दिलाया था कि स्थिति नियंत्रण में है। लेकिन सुबह जब इंजेक्शन दिया गया, तो थोड़ी ही देर में उसकी तबीयत बिगड़ गई और मौत हो गई। उनका यह भी कहना है कि इंजेक्शन देने वाली नर्स बाद में वार्ड से गायब हो गई और डॉक्टरों ने उसका नाम बताने से भी इनकार कर दिया।
अस्पताल प्रशासन की सफाई
मामले पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आशीषन मिंज ने कहा कि मरीज को चूहे मारने की दवा खाने के बाद भर्ती किया गया था। डॉक्टर के लिखे प्रोटोकॉल के तहत गैस न बने इसके लिए एक इंजेक्शन दिया गया, जिससे पेट दर्द हो सकता है, लेकिन मौत नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा कि मौत के सही कारणों की जांच के लिए तीन डॉक्टरों की जांच टीम बनाई गई है और पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है।
अस्पताल में जमकर हंगाम, पुलिस तैनाती
युवक की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। स्थिति को देखते हुए मौके पर पुलिस बल तैनात करना पड़ा। अस्पताल की ओपीडी सेवाएं भी कुछ समय के लिए प्रभावित रहीं। वहीं, इलाज के लिए पहुंचे कई अन्य मरीजों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा।
पूर्व विधायक पँहुचे अस्पताल
घटना की जानकारी मिलने के बाद पूर्व विधायक अरुण वोरा अस्पताल पहुंचे और मृतक के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें शांत करने का प्रयास किया। उन्होंने निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।


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