CG News: बिजली बाघिन की हुई तबियत खराब, ट्रेन से गुजरात रवाना, इधर फॉरेस्ट अधिकारी पर कार्रवाई...

बिजली बाघिन की हुई तबियत खराब, ट्रेन से गुजरात रवाना, इधर फॉरेस्ट अधिकारी पर कार्रवाई...


रायपुर। रायपुर के जंगल सफारी की चर्चित बाघिन "बिजली" को इलाज के लिए मंगलवार शाम को विशेष व्यवस्था के तहत गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा वाइल्डलाइफ रेस्क्यू एंड केयर सेंटर भेजा गया। इस कार्य में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, रायपुर मंडल ने तेजी से पहल करते हुए इंसानियत और वन्यजीव संरक्षण की मिसाल पेश की।

बिजली बाघिन बीते कुछ हफ्तों से अस्वस्थ चल रही थी। 22 अगस्त से ही उसके खाने-पीने में दिक्कतें सामने आ रही थीं, जिसके चलते उसका इलाज स्थानीय स्तर पर जारी था। जब स्वास्थ्य में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ, तो उसे और बेहतर देखभाल के लिए जामनगर भेजने का निर्णय लिया गया।



रेलवे ने ट्रेन से भेजने जामनगर में भी की बात



जंगल सफारी प्रबंधन ने इस संबंध में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अवधेश कुमार त्रिवेदी से संपर्क किया। मामला वन्यजीव और विशेष रूप से बाघ जैसे संरक्षित प्राणी का था, ऐसे में मंडल रेल प्रबंधक दयानंद ने खुद इसमें रुचि लेते हुए त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने हावड़ा मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर गाड़ी संख्या 12834 हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस में बाघिन को रायपुर से जामनगर तक भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की।

पार्सल कोच में सुरक्षा के साथ लेकर गए



रेलवे की ओर से पार्सल वैन (SLRD) में विशेष सुरक्षा उपायों के साथ बिजली बाघिन को लोड किया गया, ताकि यात्रा के दौरान उसे किसी प्रकार की असुविधा न हो। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया कि यात्रियों को कोई कठिनाई न हो और पूरी प्रक्रिया सुरक्षित एवं संरक्षित ढंग से संपन्न हो।

जंगल सफारी के अधिकारी से नाराज, फिर कटा चालान
तबीयत खराब बिजली बघिन को स्टेशन लाने के दौरान फॉरेस्ट अधिकारी बिना रेलवे प्लेटफार्म टिकट लिए बिना ही स्टेशन में घुस गए। जिसके बाद उनपर चालानी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। एक रेंजर ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि रेलवे के सहयोग से बाघिन को शिफ्ट किया जा रहा था। उस दौरान रेलवे अधिकारियों को बाघिन देखने नहीं दिया जा रहा था। इससे सभी नाराज थे, वहीं स्टेशन पर मजिस्ट्रेट चेकिंग भी चल रही थीं। इस दौरान उनपर करीब 1500 रुपए का चालान काटकर कार्रवाई की गई। इसका पर्ची भी उन्हें नहीं दिया गया। हालंकि रेलवे के अधिकारी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे है।

जल्द जंगल सफारी में लौटेगी बाघिन

यह पहल रेलवे की संवेदनशीलता, तत्परता और वन्यजीवों के प्रति जिम्मेदारी का उदाहरण है, जहां एक बीमार बाघिन के बेहतर इलाज के लिए मानव संसाधन, लॉजिस्टिक्स और रेलवे की व्यवस्थाओं को मिलाकर कार्य किया गया।

अब उम्मीद है कि वनतारा सेंटर में बिजली बाघिन को उचित इलाज और देखभाल मिलेगी, और वह जल्द स्वस्थ होकर जंगल सफारी में फिर से अपने दर्शकों के बीच लौटेगी।



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