टीकाकरण के बाद मासूम की मौत, परिजनों का हंगामा, लगाए ये बड़े आरोप....
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर
जिले से एक बेहद दर्दनाक मामला सामने आया है. यहां धुरीपारा क्षेत्र में दो माह एक
नवजात बच्ची की टीकाकरण के 24 घंटे के भीतर
मौत हो गई. बच्ची को एक साथ चार टीके लगाए गए थे. मासूम की मौत के बाद परिजनों और
ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया और दोषी
स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
एक साथ लगे चार टीके, 24 घंटे में मौत
धुरीपारा निवासी
रामेश्वर मरावी की पत्नी ईश्वरी मरावी मंगलवार दोपहर अपनी दो माह की बेटी को
टीकाकरण के लिए आंगनबाड़ी केंद्र लेकर गई थीं. ईश्वरी ने आरोप लगाया कि एएनएम विभा
खरे (बंजारे) ने बिना सावधानी बरते बच्ची को लगातार चार टीके लगा दिए. टीके लगने
के बाद से ही बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी. उसने रातभर दर्द से तड़पते हुए रोना
नहीं छोड़ा और बुधवार दोपहर तक उसकी मौत हो गई.
गांव में आक्रोश, शव लेकर पहुंचे कलेक्टोरेट
मासूम की मौत की खबर
फैलते ही गांव में आक्रोश फैल गया. बड़ी संख्या में ग्रामीण जुटे और आंगनबाड़ी
केंद्र के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया. स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अधिकारी के
मौके पर न पहुंचने से गुस्सा और बढ़ गया. आक्रोशित परिजन और ग्रामीण बच्ची का शव
लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए. वहां जमकर नारेबाजी की गई और दोषी एएनएम को
सस्पेंड करने, साथ ही परिवार को छह लाख रुपये मुआवजा देने
की मांग उठाई गई.
महिलाएं ट्रैक्टर में
भरकर पहुंचीं कलेक्टोरेट, पुलिस ने रोका
प्रदर्शन के दौरान
दर्जनों महिलाएं ट्रैक्टर में बैठकर कलेक्टोरेट परिसर तक पहुंचीं. जब वे ट्रैक्टर
को कार्यालय के अंदर ले जाने की कोशिश करने लगीं, तो पुलिस ने
उन्हें रोका और ट्रैक्टर चालक को फटकार लगाई. मौके की गंभीरता को देखते हुए
तहसीलदार गरिमा सिंह पहुंचीं और लोगों को समझाने का प्रयास किया. इसके बाद बच्ची
का शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया.
टीकाकरण के दिन 32 बच्चों को लगे थे टीके
स्थानीय आंगनबाड़ी
कार्यकर्ता कन्या पटेल ने बताया कि मंगलवार को कुल 32 बच्चों और
गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया था. उसी दौरान दो माह की नवजात को एक साथ चार
टीके दिए गए थे. ग्रामीणों का कहना है कि यह घोर लापरवाही का मामला है.
मुआवजा और कार्रवाई की
मांग
पूर्व पार्षद श्याम
पटेल और सामाजिक कार्यकर्ता बबली खान ने परिवार को मुआवजा देने और लापरवाह एएनएम
को तत्काल निलंबित करने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक दोषियों पर
कार्रवाई नहीं होती, वे शांत नहीं बैठेंगे.

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