CG Durg News: भगवा ध्वज को लेकर विवाद: अग्नि-वीर के साथ दुर्व्यवहार करने पर दो पुलिसकर्मी सस्पेंड
छत्तीसगढ़ के दुर्ग
जिले के मचांदुर गांव में भगवा ध्वज लगाने को लेकर हुए विवाद ने अब तूल पकड़ लिया
है. इस विवाद में ड्यूटी के दौरान लापरवाही और अनुशासनहीनता बरतने पर पुलिस
अधीक्षक ने दो आरक्षकों को निलंबित कर दिया है. निलंबन की कार्रवाई 10 सितंबर को
की गई,
जिसके बाद पुलिस महकमे में हलचल मच गई है.
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद 3 सितंबर की
रात तब शुरू हुआ, जब मचांदुर गांव के निवासी और अग्नि-वीर
सैनिक कौशल निषाद अपने घर की छत पर भगवा ध्वज फहरा रहे थे. तभी मचांदुर चौकी के दो
पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्हें झंडा लगाने से रोक दिया. आरोप है कि इस दौरान
जवान के साथ दुर्व्यवहार करते हुए गाली-गलौज भी की गई.
घटना से आहत कौशल
निषाद और उनके परिवार के समर्थन में भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJPYM) के कार्यकर्ता आगे आए. कार्यकर्ताओं ने गांव पहुंचकर
जवान के घर की छत पर भगवा ध्वज फहराया और परिवार को समर्थन देने की बात कही. इसके
चलते गांव में तनाव का माहौल बन गया, जिसे देखते
हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से अतिरिक्त बल तैनात किया.
सख्त कार्रवाई में
जुटी पुलिस
विवाद की गंभीरता को
देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने पहले दोनों आरक्षकों-महेश देवांगन
(आरक्षक क्रमांक 1449) और रामकृष्ण दास (आरक्षक क्रमांक 623)-को लाइन अटैच किया. लेकिन मामले की जांच के बाद दोनों को
तत्काल प्रभाव से निलंबित कर मुख्यालय रिजर्व केंद्र दुर्ग में पदस्थ किया गया है.
निलंबन की अवधि में नियमानुसार उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा.
एसपी का सख्त संदेश
एसपी ने इस कार्रवाई
के जरिए स्पष्ट कर दिया है कि ड्यूटी में लापरवाही, अनुशासनहीनता
और आम नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
यदि कोई पुलिसकर्मी अपनी मर्यादा लांघता है, तो उसके खिलाफ
सख्त कदम उठाए जाएंगे.
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि वर्दीधारी अगर नियमों का उल्लंघन करें तो उन पर किस हद तक जवाबदेही तय की जाती है. हालांकि, इस मामले में पुलिस प्रशासन की त्वरित कार्रवाई को लेकर आमजन में संतोष नजर आ रहा है.

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