शताब्दी वर्ष में संघ की बड़ी तैयारी, छत्तीसगढ़ के 50 लाख घरों तक पहुंचेगा संदेश, दो हजार से अधिक हिंदू सम्मेलन आयोजित होंगे
रायपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर संघ ने शताब्दी वर्ष को विशेष रूप से मनाने की योजना बनाई है। विजयादशमी (2 अक्टूबर) से शुरू होकर पूरे एक वर्ष तक चलने वाले इस अभियान के तहत छत्तीसगढ़ में कई बड़े आयोजन और जनसंपर्क कार्यक्रम किए जाएंगे।
संघ का लक्ष्य है कि प्रदेश के 50 लाख घरों से सीधा संपर्कस्थापित किया जाए। यह गृह संपर्क अभियान नवंबर से जनवरी 2026 के बीच तीन सप्ताह तक बड़े स्तर पर चलेगा, जिसमें स्वयंसेवक हर घर में जाकर संघ के कार्यों और विचारों के बारे में चर्चा करेंगे।
तीन लाख स्वयंसेवक करेंगे पथ संचलन
संघ ने 3 लाख गणवेशधारी स्वयंसेवकों के साथ पथ संचलन की योजना बनाई है, जो 15 नवंबर तक अलग-अलग स्थानों पर निकाले जाएंगे। अकेले रायपुर में 12,000 स्वयंसेवकों को पथ संचलन में शामिल करने का लक्ष्य है।
2 हजार से अधिक स्थानों पर होंगे हिंदू सम्मेलन
इस वर्ष संघ प्रदेशभर में 2000 से अधिक जगहों पर हिंदू सम्मेलन आयोजित करेगा। इनमें सामाजिक समरसता और हिंदू एकता पर फोकस रहेगा। ये सम्मेलन खास तौर पर गांवों और खंड स्तर पर होंगे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले ऐसे सम्मेलन 1989 और 2006 में आयोजित किए गए थे।
युवा सम्मेलन और सोशल मीडिया पर जोर
संघ की योजना है कि जेनरेशन Z, यानी आज की युवा पीढ़ी को संगठन से जोड़ा जाए। इसके लिए युवा सम्मेलन और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मीट जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ में एक बड़ी इन्फ्लुएंसर मीट की योजना भी बनाई गई है।
इन सात प्रमुख कार्यक्रमों पर रहेगा फोकस
शताब्दी वर्ष में संघ के सात प्रमुख कार्यक्रम होंगे:
1. विजयादशमी उत्सव: मंडल व बस्ती स्तर पर स्वयंसेवकों और परिवारों की भागीदारी।
2. गृह संपर्क अभियान: हर गांव, हर बस्ती, घर-घर तक संघ का संदेश।
3. जन गोष्ठी: विभिन्न पेशों से जुड़े लोगों से विचारों का संवाद।
4. हिंदू सम्मेलन: सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाले आयोजन।
5. सद्भाव बैठकें: संतों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और संस्थाओं के साथ संवाद।
6. युवा सम्मेलन: नई पीढ़ी को जोड़ने की रणनीति।
7. शाखा विस्तार: 100 से अधिक गांवों में नई शाखाओं की स्थापना।
छत्तीसगढ़ में 1929 में हुई थी शुरुआत
संघ के प्रांत पदाधिकारियों के अनुसार छत्तीसगढ़ में संघ की शुरुआत 1929 में रायपुर के तिलक नगर से हुई थी। आज प्रदेश में संघ की 1855 सक्रिय शाखाएं हैं, जो 1460 स्थानों पर संचालित की जा रही हैं। अब संगठन का उद्देश्य है कि और अधिक गांवों तक पहुंचकर शाखा विस्तार किया जाए।


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